भारत की रक्षाविषयक तैय्यारी

अमरिकी ‘अपाचे हेलिकॉप्टर’ भारतीय वायुसेना में शामिल

भारत की रक्षाविषयक तैय्यारी नई दिल्ली: अमरिका ने भारत को पहला ‘अपाचे गार्डियन एएच-६४ ई (आई)’ यह हेलिकॉप्टर हस्तांतरित किया है| वर्ष २०१५ के सितंबर महीने में भारत ने अमरिका की बोईंग कंपनी के साथ समझौता करके २२ अपाचे हेलिकॉप्टर्स खरीद ने के लिए समझौता किया था| इसमें से पहला हेलिकॉप्टर बोईंग कंपनीने भारतीय वायुसेना के हाथ सौंप दिया है| अमरिका के एरिझोना राज्य में बोईंग की मेसा हवाई अड्डे पर यह हेलिकॉप्टर एक समारोह में भारत को सुपूर्द किया गया| इसके आगे बोईंग हर महीने में ४ से ६ हेलिकॉप्टर भारत को देंगी, यह जानकारी भी इस अवसर पर दी गई|

इराक और अफगानिस्तान में अमरिका की आतंकविरोध युद्ध में ‘अपाचे’ हेलिकॉप्टर नें बढिया काम किया है| भारत कई वर्षों से अमरिका के सामने यह हेलिकॉप्टर देने की मांग रख रहा था| इसके नुसार वर्ष २०१५ में दोनों देशों में २२ हेलिकॉप्टर्स की खरीद संबंधी समझौता हुआ| इस समझौते के नुसार पहला हेलिकॉप्टर भारतीय वायुसेना को दिया गया| इसके पहले भारतीय वायुसेना के अधिकारी और तकनिकी विशेषज्ञों ने इस हेलिकॉप्टर से जुडा जरूरी प्रशिक्षण प्राप्त किया| भारत को दिए जा रहे इन हेलिकॉप्टर में जरूरी बदलाव भी किए गए है|

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भारत रशिया से ४६४ ‘टी-९०’ टैंक की खरीद करेगा

भारत की रक्षाविषयक तैय्यारी नई दिल्ली/मास्को – भारतीय सेना ने ‘टी-९० भीष्म’ इस प्रगत टैंक की रेजिमेंट पश्‍चिम सीमा पर तैनात करने का प्लैन किया है| इसके लिए रशिया से करीबन ४६४ ‘टी-९० भीष्म’ टैंक की खरीद होगी| इन टैंक का निर्माण भारत में ही होगा| भारत यह निर्णय क रहा है तभी पाकिस्तान भी रशिया से ‘टी-९०’ टैंक प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है|

भारत ने पिछले कुछ महीनों में रक्षा दलों को प्रगत और तैयार करने के लिए तेजीसे कदम बढाना शुरू किया है| इसके तहेत अमरिका, इस्रायल, रशिया जैसे देशों से शीघ्रता से हथियारों की खरीद शुरू की है| रशिया से प्रगत रायफल्स, हेलिकॉप्टर्स और हवाई सुरक्षा यंत्रणा के साथ अब टैंक की खरीद करने की जानकारी सामने आ रही है|

रशियन ‘टी-९०’ टैंक भारतीय सेना का मुख्य आधार के तौर पर पहचान बना चुका है और इसके आगे इस टैंक ने सबसे अच्छी कामगिरी दर्ज की है| इस वजह से भारतीय सेना ने ‘टी-९०’ की प्रगत आवृत्ती ‘भीष्म’ इस नाम से विकसित की है और इसका इस्तेमाल पाकिस्तान के विरोध में करने का प्लैन है| वर्तमान में भारतीय सेना के बेडे में एक हजार से भी अधिक ‘टी-९०’ टैंक मौजूद है और इसके अलावा स्वदेशी निर्माण के १२४ ‘अर्जुन’ टैंक और २,४०० ‘टी-७२’ टैंक भी है|

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‘आईएनएस’ वेला का जलावतरण

भारत की रक्षाविषयक तैय्यारी मुंबई – फ्रेन्च तकनीक की सहायता पर निर्माण हो रही स्कॉर्पियन वर्ग की चौथी पनडुब्बी आईएनएस वेला का सोमवार के दिन माझगाव डॉक में जलावतरण किया गया| अब इस पनडुब्बी का परीक्षण शुरू होगा और इस वर्ष के अंततक यह पनडुब्बी नौसेना में शामिल होगी| स्कॉर्पियन वर्ग की इस पनडुब्बी का समावेश होने पर भारतीय नौसेना के सामर्थ्य में बडी तादाद में बढोतरी होगी, यह दावा किया जा रहा है|

‘स्कॉर्पियन’ वर्ग की छह पनडुब्बीयों का निर्माण करने के लिए भारत ने फ्रान्स के साथ वर्ष २००५ में समझौता किया था| इस समझौते के नुसार फ्रान्स इस पनडुब्बी के निर्माण की तकनीक और जरूरी सहायता भारत को देनेवाला था| वर्ष २०१२ में ही यह छह पनडुब्बीयां भारत को प्राप्त होने की उम्मीद थी|

लेकिन, इन पनडुब्बीयों की निर्माण की परियोजना लंबे समयतक आगे बढ नही सकी थी| ऐसे में पनडुब्बीयों का निर्माण भी अपेक्षित गति के साथ नही हो सका था| लेकिन, पिछले वर्ष से इस परियोजना को नए से गति दी गई है|

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