‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर - नवंबर २०१९

‘अल्फा टू ओमेगा’ न्युजलेटर - नवंबर २०१९

  Shree Aniruddha Upasana Foundation  
 
बर २०१९

संपादकीय

हरि ॐ सिंह एवं वीरा,

अक्टूबर के महीने में हमने अशुभनाशिनी नवरात्रि, विजयादशमी उत्सव, श्री धनलक्ष्मी उत्सव और श्रीयन्त्र पूजन, यह उत्सव मनाये। इसी मास में दिवाली का उत्सव भी मनाये जाने के कारण, वातावरण में आध्यात्मिक परिपूर्णता के अतिरिक्त भी त्यौहार मानने के जोश को चार चाँद लगा गए।

श्रीयन्त्र धनलक्ष्मी पूजन उत्सव में भाग लेते समय, सद्गुरु अनिरुद्धजी के श्रद्धावान मित्रों ने लड्डू, चिवड़ा, चकली, शंकरपारे जैसे दिवाली के पकवान दान किये, इन्हें इकट्ठा कर, उन लोगों में बाँट दिया गया जो यह पकवान खरीदने में असमर्थ हैं। इस प्रकार उनके साथ अपनी ख़ुशी बांटकर, समाज पर उनका विश्वास दृढ किया गया।

ऐसे भक्तिभावपूर्ण और त्यौहारात्मक वातावरण में, श्रद्धावान स्वयंसेवक विभिन्न भक्तिमय सेवा कार्यों में भाग लेकर, समाज सेवा करते रहते हैं और इस प्रकार सद्गुरु अनिरुद्धजी के सीख को कार्यान्वित करते हैं|

- समीरसिंह दत्तोपाध्ये
 

विषय

  • संपादकीय
  • अनिरुद्धाज्‌ अ‍ॅकॅडमी ऑफ डिझास्टर मॅनेजमेंट

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अल्फा टू ओमेगा न्युजलेटर – मासिक संस्करण

वर्ष ४ | अंक ११ | नवंबर २०१९ | १

 
   

अल्फा टू ओमेगा न्युजलेटर – मासिक संस्करण


विजयदशमी उत्सव

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सन २०१२ के एक प्रवचन में सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने विजयादशमी, सीमोलंघन अर्थात अपनी सीमाओं को बढ़ाने के इस दिवस को मानाने के महत्त्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। यह दिन हमारी क्षमता और शक्ति बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। विजयदशमी के दिन माता सरस्वती की आराधना की जाती है, जिसमें उपकरणों और शस्त्रों की पूजा की जाती है। यह दर्शाता है की ज्ञान और वीरता का इस दिन पूजन किया जाता है।

इसके अतिरिक्त सद्गुरु श्री अनिरुद्ध के मार्गदर्शन के अनुसार सभी श्रद्धावान श्रीहरिगुरुग्राम में एकत्रित होकर 'विजयोपसना' करते हैं। इसी दिवस पर शस्त्र जो 'प्राचीन भारतीय बल विद्या’ के अंग हैं, उनका पूजन किया जाता है।

 

इस वर्ष, विजयदशमी उत्सव १० अक्टूबर २०१९ को मनाया गया।

बापू ने सभी श्रद्धावानों को सम्बोधित किया, विजयादशमी और माता सरस्वती और महासरस्वती की पूजा के महत्त्व के बारे में बताया |

श्री यन्त्र धनलक्ष्मी पूजन उत्सव

आदिमाता महालक्ष्मी और भक्तमाता श्री लक्ष्मी के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।

केवल श्रीयन्त्र के दर्शन और पूजन से ही आदिमाता और भक्तमता की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने श्रीयन्त्र का इस प्रकार से वर्णन किया है - श्रीयन्त्र एक दुर्ग है, जो आदिमाता का निवास स्थान है।

श्रीयन्त्र के केवल श्रद्धायुक्त दर्शन से ही मानवी शरीर के १०८ केंद्रों को शक्ति प्राप्त होती है।

यह सोलह ऐश्वर्यों का भी पूजित माध्यम है। संपूर्ण ब्रह्माण्ड का पराक्रम, शक्ति, समृद्धि और संपत्ति 'श्री' पर ही निर्भर करता है।

इस तरह श्रद्धावान श्रीयन्त्र पूजन और धनलक्ष्मी उत्सव, सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी के मार्गदर्शन अनुसार श्री हरिगुरुग्राम में बडे भक्ति से, हर प्रकार की आध्यात्मिक और सांसारिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए मानते हैं।

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अल्फा टू ओमेगा न्युजलेटर – मासिक संस्करण

वर्ष ४ | अंक ११ | नवंबर २०१९ | २

 

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अभावग्रस्तों में दिवाली फराल का वितरण

सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी ने अपने प्रवचन में हमेशा दूसरों की परवाह करने और दान देने के महत्त्व पर ज़ोर दिया है। श्रीयन्त्र धनलक्ष्मी पूजन के दिन बापू के भक्तों और श्रद्धावान मित्रों द्वारा दान किये गए दिवाली के पकवान विभिन्न स्थानों में अभावग्रस्त परिवारों में बांटे जाते हैं। इसका विवरण इस प्रकार है:

विभिन्न स्थानों पर अभावग्रस्तों को दिवाली पकवानों का वितरण
क्रमांक केंद्र लाभार्थी परिवारों की गणना
१. बोरीवली (प) २५०
२ . एडवां ६००
३ . गोरेगांव (आरे) १००
४. कलवा ४०७
५. कल्याण ( प ) ५५०
६. खारीगांव २२५
७. नाना चौक २४५
८. परेल - शिरोडकर ३५०
९. पिसवली ३५०
१० . वसई ३००
११. विरार १,३९०
१२. सफाले ६००
१३ . वाशी १००
१४. मोखाडा २,९००
  लाभार्थी परिवारों की पूर्ण गणना ८,३६७
 

कृपासिंधु कैलेंडर

वर्ष २०२० का श्री कृपासिंचू कैलेंडर तैयार हो गया है, और हर गुरूवार श्री हरिगुरुगाम में और उपासना केंद्रों में उपलब्ध है।

इसके अलावा श्रद्धावान, श्री कृपासिंधु कैलेंडर ॲप भी डाउनलोड कर सकते हैं, जिसमें नोट्स, रीमाइंडर्स, उत्सवों की सूचि और पंचांग जैसी कई विशेषताएं हैं|

 

यह ॲप, उपयोगकर्ता अपने फ़ोन या टैबलेट पर भी इनस्टॉल कर सकते हैं।

श्री कृपासिंधु कैलेंडर अ‍ॅप - Android श्री कृपासिंधु कैलेंडर अ‍ॅप - iOS Shree Aniruddha Upasana Foundation

अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य

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यह विशाल सत्संग समारोह, ’अनिरुद्ध भक्तिभाव चैतन्य’ ३१ दिसंबर २०१९ को पद्मश्री डॉ डी.वाय.पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई में दोपहर ३:३० बजे से प्रारम्भ होगा। (अनिरुध्द भक्तिभाव चैतन्य टीझर/ट्रेलर)

जीवन में एक ही बार होनेवाले इस समारोह की तैयारियां ज़ोरशोर से जारी हैं। बेहतरीन ध्वनि, वीडियो और प्रकाश व्यवस्था के अलावा, भोजन के कूपन भी बेहतर प्रबंध और श्रद्धावानों के सुविधा के लिए पहले से ही उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

हम सब बहुत उत्सुकता से इस शानदार समारोह का इंतज़ार कर रहे हैं, जहां हम सद्गुरु के भक्तिभाव चैतन्य में तल्लीन हो जायेंगे और इस विस्मरणीय समारोह की यादों का जीवनभर आनंद लेंगे जहाँ सद्गुरु श्री अनिरुद्धजी स्वयं अपने श्रद्धावान मित्रों के साथ उपस्थित रहेंगे।


अल्फा टू ओमेगा न्युजलेटर – मासिक संस्करण

वर्ष ४ | अंक ११ | नवंबर २०१९ | ३

 

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दत्तजयंति नव वर्ष का विशेषांक

पिछले पांच वर्षों से दैनिक ’प्रत्यक्ष’ ने 'विशिष्ट, अद्भुत और अजीब' इसी विषय को अपने दत्तजयंति और गणतंत्र दिवस के विशेषांकों के लिए चुना है। हमें विश्वास है कि, जैसे ’प्रत्यक्ष’ अपनी पंद्रहवें वर्ष में कदम रख रहा है, पाठकगण इन दोनों ही अंको का ख़ुशी से स्वागत करेंगे।

दत्तजयंति का वार्षिक अंक ११ दिसंबर २०१९ को प्रकशित होगा और गणतंत्र दिवस का अंक २६ जनुअरी २०२० को प्रकाशित किया जाएगा।

श्रद्धावान इन अंको में विज्ञापन प्रायोजित करके अपना योगदान दे सकते हैं।

मोखाडा सी. एस. आर. दौरा

२० अक्टूबर को मोखाडा में एक, एक दिवसीय कॉर्पोरेट दौरा आयोजित किया गया था। स्टॉकहोल्डिंग कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और कण्ट्रोल यूनियन के सी. एस. आर. दल ने इस दौरे में भाग लिया।

पप्रतिभागियों को मोखाडा में चल रहे कई भक्तिमय सेवाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गय। इस दल ने गंधीफ़ूल, तोरणशेट और पवारपाड़ा इन तीन गांवों का दौरा किया।

मोखाडा में कुपोषण के स्थायी मुद्दे से जूझने के लिए, 'चरखा अन्नापूर्णा' नामक अनोखी योजना २०१६ में मोखाडा में शुरू की गयी थी।

‘चरखा अन्नपूर्णा’ एक अनोखी योजना है, जिसमे लाभार्थी, स्थानीय गांव वासियों को चरखा चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इन ग्रामवासियों को चरखा, कच्चा माल और प्रशिक्षण, नि:शुल्क प्रदान किए जाते हैं।

लाभार्थियों को २५० ग्राम चावल और ५० ग्राम दाल, चरखे पर बनायीं गयी हर एक लच्छे के बदले में दी जाती है | इन लच्छों को आगे संसाधित और सरंगित कर, उनसे विद्यालय की वर्दी बनाकर, बिना मूल्य कोल्हापुर और मोखाडा के गॉवों में बांटा जाता है|

 
 

यह योजना मोखाडा के कई परिवारों की आजीविका का माध्यम बन गई है।

यह योजना सितम्बर २०१५ में १२ चरखों से गाँधीफूल गांव में प्रारम्भ की गई थी।

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वर्त्तमान में चरखा अन्नपूर्णा १२ गांवों में ६० से अधिक चरखों से चलाई जा रही है और २५० से अधिक परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं।

चरखा अन्नपूर्णा के अलावा स्वयंसेवक ग्रामीण लोगों को वर्मीकल्चर (केंचुओं का प्रयोग करके जैविक कचरे को खाद में रूपांतरित करना) के लिए अपने घर के आसपास गड्ढा बनाने में भी मदद करते हैं।

घरों और खेतों से उत्पन्न कचरे को इसके लिए प्रयोग में लाया जाता है। यह वेरीकम्पोस्ट और खेतों में प्राकृतिक खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है।

परसबाग और रसोई बाग के अलावा, यह एक और ख़ास योजना है, जिसके लिए स्वयंसेवक गाँववालों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। आँगन के छोटे से स्थान में सब्ज़ियां उगाई जा रही हैं।

लौकी, कद्दू, मिर्ची, बैंगन, अद्रक आदि उगाये जाते हैं।

दौरे पर आये कॉर्पोरेट लोगों ने गाँववालों से बातचीत की, और उनके जीवन में आये परिवर्तन को महसूस किया। उसके उपरान्त उन्हें कुछ सुझाव देने की भी इच्छा हुई, और इस योजना को अपना समर्थन देने की भी।


अल्फा टू ओमेगा न्युजलेटर – मासिक संस्करण

वर्ष ४ | अंक ११ | नवंबर २०१९ | ४

 

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अनिरुध्दाज अ‍ॅकॅडमी ऑफ डिझास्टर मॅनेजमेंट (एएडीएम)

अ. कार्यक्रम दिनांक स्थान सहभागिता और विवरण
१. ए.ए.डी.एम्. बेसिक कोर्स एंड ट्रेनिंग ११ और १२ अक्तूबर २०१९ मस्कट ५५ श्रद्धावान इस कार्यप्रणाली में शामिल हुए।
१४ अक्तूबर २०१९ से २० अक्तूबर २०१९ ए.ए.डी.एम्. ऑफिस - गायत्री प्लाजा, चिपलुन उपासना केंद्र, बिबवेवाडी उपासना केंद्र, रत्नागिरी उपासना केंद्र ७,१७,२२ और २७ श्रद्धावान इस कार्यप्रणाली में शामिल हुए ।
२. ए.ए.डी.एम. सेवा २९ सितम्बर २०१९ से ७ अक्तूबर २०१९ श्री महालक्ष्मी मंदिर मुंबई और कोल्हापुर नवरात्री के दौरान १८४५ और १५६१ डी.एम.वी.ने भाग लिया।
५ अक्तूबर २०१९ से ७ अक्तूबर २०१९ सप्तश्रृंगी देवी मंदिर, नाशिक और कोढाई माता मंदिर , नंदुरबार २१२ और ६० डी.एम्.वी. ने भाग लिया
११ और १२ अक्तूबर २०१९ कालिका माता मंदिर, नाशिक ११८ डी.एम्.वी. ने भाग लिया
५ और ६ अक्तूबर २०१९ जगदम्बा देवी मंदिर, अहमदनगर १२९ डी.एम्.वी. ने भाग लिया
६ ऑक्टोबर २०१९ श्री कलम्मादेवी मंदिर , सांगली ६० डी.एम्.वी. ने भाग लिया
 
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