अफ़ग़ानिस्तान में उलथपुलथ

अफगान शांति चर्चा को लेकर अमरिका और पाकिस्तानी सेना की चर्चा

अफ़ग़ानिस्तान में उलथपुलथइस्लामाबाद – अफगानिस्तान में सरकार और तालिबान के शांतिचर्चा के संबंधी बातचीत करने के लिए अमरिका के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी ने पाकिस्तान की यात्रा करके लष्कर प्रमुख जनरल कामर बाजवा की भेंट की| तालिबान शांति प्रक्रिया में शामिल हो और अफगानिस्तान में जनता ने बनाई सरकार का महत्व कायम रहे, इस संबंधी अमरिकी लष्करी अधिकारी ने अपने देश का कहना रखा| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने अफगानिस्तान से सेना की वापसी करने का ऐलान किया था| इस पृष्ठभुमि पर अमरिकी लष्करी अधिकारी के इस पाकिस्तान यात्रा का महत्व बढा है|अफगानिस्तान में अमरिकी लष्करी कमांड के प्रमुख जनरल ऑस्टिन स्कॉट मिलर इन्होंने गुरूवार के दिन पाकिस्तान की यात्रा की| इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के लष्कर प्रमुख बाजवा के समेत अन्य वरिष्ठ सेना अधिकारियों से मुलाकात की| अफगानिस्तान की स्थिरता और शांति बनाने की प्रक्रिया में तालिबान को शामिल करने के मुद्दे पर जनरल मिलर इन्होंने पाकिस्तानी सेना अधिकारियों से बातचीत की|

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अमरिका को ‘सोव्हिएत रशिया’ के जैसे ही पराभव स्वीकारना होगा – तालिबान का इशारा

अफ़ग़ानिस्तान में उलथपुलथकाबुल/वॉशिंगटन – अफगाणिस्तान में रशिया की हुई हार से अमरिका सही सबक प्राप्त करे| अफगान जनता का निर्धार और क्षमता की जांच करने का कोई विचार शेष है तो उसे छोडना ही अमरिका के हित में होगा, इन शब्दों में तालिबान ने अमरिका को अफगानिस्तान से बाहर होने का इशारा दिया है| पिछले हफ्तें में ही अमरिका के विशेष दूत झल्मे खलिलजाद इन्होंने तालिबान के प्रतिनिधियों से चर्चा की थी| उसके बाद अफगानिस्तान में तैनात अमरिकी सेना कुछ तादाद में वापस लेने का विचार डोनाल्ड ट्रम्प कर रहे है, यह वृत्त सामने आया था|

अफगानी हुकूमत का समर्थन करने के लिए १९७० की दशक में रशियन संघराज्य ने बडी तादाद में अपनी सेना अफगानिस्तान में उतारी थी| लेकिन, अमरिका और पाकिस्तान की सहायता से गठित अफगान बागियों की गुटों ने १९७९ में रशियन सेना को वापसी करने पर मजबूर किया था| इसे अब ३९ वर्ष हो रहे है और इस पृष्ठभुमि पर तालिबान ने अमरिका को चेतावनी दी है| तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्लाह मुजाहिद ने प्रसिद्ध किए निवेदन में अमरिका को चेतावनी देने के साथ ही, इसके आगे अमरिका के साथ राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों के आधार पर ही संबंध रहेंगे, यह दर्ज किया है|

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अफगानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी से जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को खतरा – पूर्व पुलिस महानिदेशक द्वारा चेतावनी

अफ़ग़ानिस्तान में उलथपुलथपुणे – अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने सीरिया और अफगानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी करने की तैयारी की है| यदि अमरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी हुई तो जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर प्रतिकूल परीणाम हो सकता है, यह चेतावनी इस राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.राजेंद्र कुमार इन्होंने दी है| भारत इस बात की ओर ध्यान दे और इस संबंधी स्पष्ट नीति का स्वीकार करे, यह मांग राजेंद्र कुमार इन्होंने रखी है|

अमरिका से सेना वापसी के संकेत प्राप्त होने के बाद पाकिस्तान और चीन ने अफगानिस्तान के विषय पर तुरंत बैठक का आयोजन किया| चीन में हुई इस बैठक के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी शामिल हुए थे| उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वैंग ई इन के साथ चर्चा की| इस चर्चा में अफगानिस्तान से अमरिकी सेना की वापसी का मुद्दा अहम रहा| अमरिकी सेना वापसी के बाद अफगानिस्तान के मुद्दे पर सहमती से नीति कार्यान्वित करने का ऐलान भी पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने किया|

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अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमले में ४३ लोगों की मौत

अफ़ग़ानिस्तान में उलथपुलथकाबुल – अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकीयों ने सरकारी दफ्तर पर किए हमले में ४३ लोगों की मृत्यु हुई है| इस वर्ष अफगानिस्तान में हुए सबसे भयंकर आतंकी हमलों में से यह एक हमला रहा है, यह दावा भी अफगान यंत्रणा कर रही है| किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी का स्वीकार नही किया है| अमरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी होने के संबंधी हुए ऐलान की पृष्ठभुमि पर काबुल में हुए इस आतंकी हमले की ओर देखा जा रहा है|

काबुल की सार्वजनिक बांधकाम मंत्रालय की इमारत पर सोमवार के दिन यह आतंकी हमला हुआ| रायफल्स और विस्फोटकों के साथ आतंकियों ने इस सरकारी इमारत पर हमला किया| सुरक्षाकर्मियों का घेरा तोड कर इमारत के अंदर पहुचने के लिए आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाडी इमारत के प्रवेशद्वार पर टकराई| इसी का लाभ उठाकर अन्य आतंकियों ने सरकारी इमारत में घुंसकर सामने दिखे हर एक पर गोलियां बरसाई और इमारत में प्रमुख कार्यालय तक पहुंचने की कोशश की|

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